एक शोध में यह बात सामने आई है कि चलने की गति से यह पता लगाया जा सकता है कि किसी व्यक्ति को मोटापे के कारण कोई स्वास्थ्य समस्या तो नहीं है.
साइंटिफिक रिपोर्ट्स जर्नल में प्रकाशित अध्ययन में इस बात का खुलासा हुआ है कि तेज गति से चलने से मोटे लोगों में मेटाबॉलिक डिजीज संबंधी बीमारियों को रोका जा सकता है. यह गतिशीलता बढ़ाने में मदद करने के साथ खराब स्वास्थ्य का संकेत भी दे सकता है. पिछले अध्ययनों ने सुझाव दिया है कि धीमी गति से चलने से हार्ट रिलेटेड डिजीज के विकास और बुजुर्गों में मृत्यु दर के जोखिम में वृद्धि होती है. जापान में दोशीशा विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं द्वारा किए गए अध्ययन ने मोटापे से ग्रस्त व्यक्तियों में चलने की गति और मेटाबॉलिक डिजीज के बीच संबंध का पता लगाया.
शोध में क्या पता चला:
निष्कर्ष बताते हैं कि यह आकलन करना कि कोई व्यक्ति अपने साथियों की तुलना में अपनी चलने की गति को कैसे समझता है. यह स्वास्थ्य के लिए एक जरूरी उपकरण बन सकता है.
तेज चलने से कम होता है डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर का खतरा, मेटाबॉलिक डिजीज रोकने में फायदेमंद : स्टडी
एक शोध में यह बात सामने आई है कि चलने की गति से यह पता लगाया जा सकता है कि किसी व्यक्ति को मोटापे के कारण कोई स्वास्थ्य समस्या तो नहीं है
अध्ययन के अनुसार, जो व्यक्ति तेजी से चलते हैं वे ज्यादा फिट हो सकते हैं.
साइंटिफिक रिपोर्ट्स जर्नल में प्रकाशित अध्ययन में इस बात का खुलासा हुआ है कि तेज गति से चलने से मोटे लोगों में मेटाबॉलिक डिजीज संबंधी बीमारियों को रोका जा सकता है. यह गतिशीलता बढ़ाने में मदद करने के साथ खराब स्वास्थ्य का संकेत भी दे सकता है. पिछले अध्ययनों ने सुझाव दिया है कि धीमी गति से चलने से हार्ट रिलेटेड डिजीज के विकास और बुजुर्गों में मृत्यु दर के जोखिम में वृद्धि होती है. जापान में दोशीशा विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं द्वारा किए गए अध्ययन ने मोटापे से ग्रस्त व्यक्तियों में चलने की गति और मेटाबॉलिक डिजीज के बीच संबंध का पता लगाया.
शोध में क्या पता चला:
निष्कर्ष बताते हैं कि यह आकलन करना कि कोई व्यक्ति अपने साथियों की तुलना में अपनी चलने की गति को कैसे समझता है. यह स्वास्थ्य के लिए एक जरूरी उपकरण
विश्वविद्यालय के प्रोफेसर कोजिरो इशी ने कहा, “इस शोध ने स्पष्ट किया कि मोटापे से ग्रस्त मेटाबॉलिक रिलेटेड डिजीज से घिरा व्यक्ति अगर अपनी चलने के गति तेज रखता है तो उसमें हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज और डिस्लिपिडेमिया की संभावना कम होती है.”
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तेज चलने से मेटाबॉलिक डिजीज का खतरा कम:
अध्ययन के अनुसार, जो व्यक्ति तेजी से चलते हैं वे ज्यादा फिट हो सकते हैं और उनमें मेटाबॉलिक रोगों का जोखिम कम होता है. टीम ने बताया कि तेज चलने से कार्डियो रेस्पिरेटरी सिस्टम सही रहता है, साथ ही सूजन और ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस लेवल भी कम होता है, जो मेटाबॉलिक बीमारियों के दो प्रमुख कारण हैं.
अध्ययन में मोटापे से ग्रस्त 8,578 व्यक्तियों, बड़ी कमर वाले 9,626 व्यक्तियों और दोनों मानदंडों को पूरा करने वाले 6,742 व्यक्तियों की चलने की गति का आकलन किया गया.
डायबिटीज और हाई बीपी जैसे रोगों का खतरा भी कम:
परिणामों से पता चला कि जो लोग तेज चलते थे, उनमें डायबिटीज का जोखिम काफी कम था (30 प्रतिशत कम) और हाई ब्लड प्रेशर और डिस्लिपिडेमिया के जोखिम में छोटी लेकिन कमी आई.
डॉ. इशी ने कहा, “तेज गति से चलने को बढ़ावा देना एक उपयोगी इंडिविजुअल बिहेवियर हो सकता है, जो मेटाबॉलिक संबंधी बीमारियों को रोकने में मदद कर सकता है. यह खासतौर से मोटापे से ग्रस्त व्यक्तियों पर काम करता है.”