हाल ही में चीन के लद्दाख क्षेत्र में काउंटी बनाने को लेकर सियासी माहौल गरमाया हुआ है। इस पर महाराष्ट्र के पुणे जिले में एनसीपी-एसपी नेता सुप्रिया सुले ने आवाज उठाई है। साथ ही सुले ने एकजुटता के सुर लगाए है।
पुणे: हाल ही में चीन ने लद्दाख क्षेत्र में दो नई काउंटी बनाई है, जिसको लेकर विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा, भारत ने चीन के समक्ष लद्दाख केंद्र शासित प्रदेश के अंतर्गत आने वाले क्षेत्र में दो नए ‘काउंटियों’ की स्थापना पर कड़ा विरोध दर्ज कराया है और कहा है कि नई दिल्ली ने बीजिंग द्वारा “अवैध कब्जे” को कभी स्वीकार नहीं किया है।
जायसवाल ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “हमने चीन के होटन प्रान्त में दो नए काउंटी की स्थापना से संबंधित घोषणा देखी है। इन तथाकथित काउंटी के अधिकार क्षेत्र के कुछ हिस्से भारत के केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में आते हैं। हमने इस क्षेत्र में भारतीय क्षेत्र पर अवैध चीनी कब्जे को कभी स्वीकार नहीं किया है।”
विदेशी मुद्दे पर बोली सुप्रिया सुले
इस मुद्दे पर देश में माहौल गरमाया हुआ है। इस मुद्दे पर एनसीपी-एससीपी सांसद सुप्रिया सुले ने भी अपना मत साफ किया है और कहा है कि जब विदेश मामलों का मुद्दा आता है तो भारत एकजुट होता है।
होटन प्रांत में चीन के दो नए काउंटी पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल के बयान पर एनसीपी-एससीपी सांसद सुप्रिया सुले ने कहा, “जब भी विदेश मामलों का मुद्दा आता है, तो भारत एकजुट होता है और यह यूपीए बनाम एनडीए का मुद्दा नहीं है। यह भारत की सुरक्षा का मुद्दा है…मुझे उम्मीद है कि विदेश मंत्रालय पूरे विपक्ष और संसद को विश्वास में लेगा और आधिकारिक बयान देगा।”
महाराष्ट्र के हालात पर बोली सुप्रिया सुले
इसके अलावा हाल ही में विभागों के बंटवारे के बाद से ही महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजित पवार काम करते दिखाई नहीं दे रहे है और सिर्फ सीएम फडणवीस और डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे ही काम करते नजर आ रहे है। इस पर सुप्रिया सुले ने कहा, “मैंने पिछले 15 दिनों से उनका (अजित पवार) कोई बयान नहीं देखा। मुझे उनके विभाग में क्या चल रहा है, इसकी कोई जानकारी नहीं है। मैं मुख्यमंत्री को रोजाना टीवी पर देखती हूं और कल डीसीएम एकनाथ शिंदे भी कुछ योजनाओं की घोषणा करते देखे गए।”
उन्होंने आगे कहा, “सरकार में कोई स्पष्टता नहीं है कि कौन क्या कर रहा है, कौन काम कर रहा है और कौन काम नहीं कर रहा है। मैं केवल 2 लोगों को काम करते हुए देख सकती हूं, एक देवेंद्र फडणवीस और दूसरे एकनाथ शिंदे। हम महाराष्ट्र का प्रतिनिधित्व करने के लिए सांसद के रूप में चुने जाते हैं और आम तौर पर केंद्रीय बजट से पहले, मुख्यमंत्री सभी सांसदों को बुलाते हैं और चर्चा करते हैं कि राज्य के लिए अधिकतम लाभ प्राप्त करने के लिए हमें किन बिंदुओं को आगे रखना चाहिए।”