महाराष्ट्र में मंत्री नितेश राणे के विवादित भाषण ने हलचल मचा दी है, जिसमें उन्होंने ईवीएम को ‘एवरी वोट अगेंस्ट मुल्ला’ बताया और आरोप लगाया कि मुस्लिम समुदाय से समर्थन की उन्हें जरूरत नहीं है। कांग्रेस और शिवसेना सहित विपक्षी दलों द्वारा उनके इस बयान की कड़ी आलोचना की जा रही है।
हाइलाइट्स
- नितेश राणे के ईवीएम पर विवादित बयान से हड़कंप मचा
- कांग्रेस, शिवसेना और एनसीपी ने राणे पर साधा निशाना
- राणे का दावा, ‘हिंदू एकजुट होकर वोट कर रहे हैं’
मुंबई : महाराष्ट्र सरकार में कैबिनेट मंत्री नितेश राणे का एक बयान इन दिनों चर्चा में हैं। उन्होंने ईवीएम को लेकर ऐसी बात कही कि उनके ऊपर चौतरफा हमले शुरू हो गए। नितेश राणे पर कार्रवाई की मांग उठने लगी है। महाराष्ट्र की सियासत में हलचल मच गई है। कांग्रेस सांसद शशि थरूर से लेकर उद्धव ठाकरे की शिवसेना और शरद पवार की एनसीपी सभी ने नितेश राणे पर निशाना साधा है।
नितेश राणे ने क्या कहा?
नितेश राणे महाराष्ट्र के सांगली की सभा में पहुंचे थे। उन्होंने यहां सभा में खुले मंच से कहा कि हम ईवीएम की वजह से चुनाव जीते हैं। उन्होंने कहा कि विपक्ष ईवीएम का मीनिंग नहीं समझा। ईवीएम का मतलब है- ‘एवरी वोट अगेंस्ट मुल्ला’।
मुसलमानों ने की मुझे मारने की प्लानिंग : नितेश राणे
कैबिनेट मंत्री ने आगे कहा कि चुनाव जीतने के लिए बीजेपी को मुसलमान वोटों की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा, ‘मैं मुस्लिम समुदाय के पास वोट मांगने नहीं गया था। जागरूक हिंदुओं ने हमें जिताया हैं। मैं कट्टर हिंदू लीडर हूं। मैंने हमेशा मुस्लिम समुदाय की आलोचना की है। उन्होंने मुझे हराने की प्लानिंग की। सऊदी अरब और मुंबई से फंड जुटाया गया लेकिन हिंदू नहीं झुके।’
की ईवीएम की व्याख्या
नितेश राणे ने कहा कि आप जानते हैं हमारे विरोधी दल ईवीएम पर किस तरह हल्ला मचाते हैं। वे इसे नहीं पचा पा रहे हैं कि हिंदू एकजुट होकर कैसे हिंदुओं को वोट कर रहे हैं। वे हमेशा ईवीएम को कोसते हैं। उन्हें ईवीएम का मतलब नहीं पता। ईवीएम का मतलब है एवरी वोट अगेंस्ट मुल्ला।
लव जिहाद का किया जिक्र
नितेश राणे ने कहा कि वे महाराष्ट्र में लव जिहाद की पीड़ित लड़कियों से मिले। उन बच्चियों ने उन्हें बताया कि कैसे वे रुपयों का इस्तेमाल करके हिंदू बहनों की जिंदगी बर्बाद करते हैं। वे पता करते हैं कि हमारी हिंदू बहन कहां रहती है और वे कितनी अमीर हैं? उसके बाद वे खुद को लव जिहाद के लिए तैयार करते हैं। तय करते हैं कि उन्हें कौन सी कार दिखानी है, कैसे कपड़े पहनने हैं और किस ब्रांड की घड़ी पहनना है। उनके पास इस काम के लिए रुपये भी इसी काम से आता है।