महाराष्ट्र में चुनावी सरगर्मी लगातार बढ़ती जा रही है। सत्ताधारी भाजपा ने आगामी विधानसभा चुनाव के लिए रविवार को 25 सूत्री संकल्प पत्र जारी कर दिया। पार्टी ने लाडकी बहना योजना के तहत महिलाओं को हर माह 2,100 रुपये देने के साथ बुजुर्गों को 2,100 रुपये की पेंशन देने, किसानों का कर्ज माफ करने और 25 लाख नौकरियां देने जैसे वादे किए हैं। पार्टी ने धर्मांतरण विरोधो कानून बनाने का संकल्प भी जताया। रविवार को ही महाविकास अघाड़ी (एमवीए) ने भी अपना चुनावी घोषणा पत्र जारी किया। दोनों गठबंधनों ने घोषणा पत्र में किसान, महिला, युवा समेत तमाम वर्गों के लिए कई वादे किए हैं।
महायुति का संकल्प पत्र
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को भाजपा का संकल्प पत्र जारी किया। इस मौके पर शाह ने एमवीए पर निशाना भी साधा और कहा कि विपक्षी गठबंधन की घोषणाएं तुष्टीकरण की राजनीति और सत्ता पाने के लालच से प्रेरित हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे बनावटी मुद्दे ज्यादा समय तक नहीं टिकते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा का संकल्प पत्र पत्थर पर खिंची लकीर की तरह है। यह जनता की आकांक्षाओं का प्रतीक है। भाजपा ने अपने घोषणा पत्र में विकसित भारत और विकसित महाराष्ट्र का संकल्प जताते हुए राज्य में निवेश बढ़ाने और 2028 तक महाराष्ट्र को एक लाख करोड़ अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का वादा किया है। इसके तहत नागपुर, पुणे, नासिक जैसे शहरों को एयरोस्पेस हब बनाया जाना है। इस मौके पर गृह मंत्री शाह ने कहा कि महायुति ने किसानों का सम्मान, महिलाओं का स्वाभिमान बढ़ाने और विरासत का पुनरुत्थान करने का संकल्प लिया है।
प्रमुख घोषणाएं
- लाडकी बहना योजना के तहत भत्ता 1,500 से बढ़ाकर 2,100 किया जाएगा।
- बुजुर्ग की पेंशन को 1,500 से बढ़ाकर 2,100 रुपये करने का किया वादा।
- अगले 5 सालों में युवाओं को 25 लाख नौकरियां मुहैया कराई जाएंगी।
- 2027 तक 25 लाख लखपति बनाने की योजना, बिजली बिल 30% घटेंगे। किसानों का कर्ज माफ, किसान सम्मान योजना के तहत सालाना 15 हजार।
- शिवाजी महाराज आकांक्षा केंद्र बनेंगे, 10 लाख नए उद्यमी किए जाएंगे तैयार। पांच साल में 25 लाख नौकरियां, महिलाओं को वित्तीय साक्षरता प्रशिक्षण।
- वीर सावरकर व अन्य हस्तियों को भारत रत्न दिलाने का होगा प्रयास।
- अक्षय अन्न योजना के माध्यम से कम आय वाले परिवारों को मुफ्त खाद्यान्न
- गरीब व मध्यम वर्ग के लिए सौर व नवीकरणीय योजना से बिजली।
एमवीए का महाराष्ट्रनामा
महाराष्ट्र में एमवीए ने भी रविवार को अपना घोषणा पत्र जारी किया, जिसे महाराष्ट्रनामा के नाम से जारी किया गया। मुख्यत: पांच गारंटी पर केंद्रित घोषणा पत्र में महिलाओं को हर माह तीन हजार रुपये और बेरोजगारों को चार हजार रुपये की मदद देना शामिल है। इसके अलावा किसानों का कर्ज माफ करने, कुटुंब रक्षा स्वास्थ्य बीमा देने, जाति गणना कराने वादा भी किया गया है।
भाजपा का संकल्प पत्र जारी होने के कुछ ही देर बाद कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने महाराष्ट्रनामा जारी किया। इस दौरान खरगे ने कहा, हम पांच गारंटी दे रहे हैं और यह पूरे महाराष्ट्र के कल्याण के लिए होंगी। ये सभी गारंटी समावेशिता और सहभागिता पर आधारित है। उन्होंने कहा कि हमारे पास महाराष्ट्र के विकास के लिए पांच स्तंभ है जो कृषि विकास, ग्रामीण विकास, उद्योग और रोजगार, शहरी विकास, पर्यावरण और जनकल्याण पर आधारित है। खरगे ने कहा कि जाति गणना का उद्देश्य लोगों को बांटना नहीं बल्कि समुदायों को समुचित लाभ देना है। महाविकास आघाड़ी ने सत्ता में आते ही 100 दिन का एजेंडा जारी करने के साथ 2030 तक समृद्ध महाराष्ट्र बनाने का वादा किया। घोषणा पत्र में राजस्थान की तर्ज पर 25 लाख रुपये तक स्वास्थ्य बीमा योजना लागू करने का वादा किया गया। साथ ही कहा गया है कि तमिलनाडु की तरह यहां भी 50 फीसदी आरक्षण सीमा को हटा दिया जाएगा। घोषणा पत्र जारी करने के मौके पर एनसीपी (एसपी) सांसद सुप्रिया सुले, शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत और कांग्रेस महासचिव सी. वेणुगोपाल, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले और मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष वर्षा गायकवाड उपस्थित रहीं।
प्रमुख घोषणाएं
- महालक्ष्मी योजना में महिलाओं को हर माह 3,000 रुपये, मुफ्त बस सेवा, महिलाओं को साल में छह सिलिंडर 500 रुपये में देंगे।
- महिलाओं के खिलाफ अत्याचार रोकने के लिए बनाया जाएगा शक्ति कानून, 300 यूनिट तक बिजली इस्तेमाल करने वालों को 100 यूनिट मुफ्त बिजली।
- 2030 तक महाराष्ट्र को समृद्ध बनाएंगे, जाति गणना करने का भी वादा, कुटुंब रक्षा के तहत 25 लाख तक का स्वास्थ्य बीमा, मुफ्त दवाएं भी देंगें।
- किसानों को राहत देने के लिए तीन लाख रुपये तक के कर्ज करेंगे माफ, समय पर कर्ज चुकाने वाले किसानों को 50,000 रुपये की प्रोत्साहन राशि।
- युवाओं को हर महीने चार हजार रुपये का बेरोजगारी भत्ता देने का वादा, तमिलनाडु की तर्ज पर 50 फीसदी आरक्षण की सीमा को हटाया जाएगा।