मणिपुर में एनडीए को जदयू का समर्थन जारी रहेगा। आज मणिपुर के प्रदेश अध्यक्ष ने लेटर जारी कर खलबली मचा दी थी जिसमें कहा गया था कि जदयू ने प्रदेश में एनडीए से समर्थन वापस ले लिया है। इसका खंडन करते हुए पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता ने बयान जारी किया।
मणिपुर के जदयू प्रदेश अध्यक्ष ने एक लेटर जारी कर सियासी सनसनी मचा दी, जिसमें कहा गया था कि नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली जनता दल (यूनाइटेड) ने मणिपुर में एन बीरेन सिंह के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया है। इसके थोड़ी देर बाद जदयू ने ऑफिशियल बयान जारी कर कहा कि ये भ्रम फैलाया गया, जदयू के प्रदेश अध्यक्ष को पद से हटा दिया गया है। उन्होंने पार्टी से पूछे बिना लेटर जारी कर दिया था। जदयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव रंजन ने कहा कि मणिपुर में एनडीए को समर्थन जारी रहेगा।
जदयू ने कर दिया क्लीयर-एनडीए के साथ हैं
मणिपुर जदयू के प्रदेश अध्यक्ष के लेटर जारी करने के इस घटनाक्रम से सरकार की स्थिरता पर कोई असर नहीं पड़ने वाला था, लेकिन जदयू के प्रदेश अध्यक्ष के इस लेटर ने सियासी घमासान मचा दिया। बता दें कि जेडीयू केंद्र और बिहार में बीजेपी की प्रमुख सहयोगी है और बिहार में इसी साल चुनाव होने वाले हैं ऐसे में इस तरह की बयानबाजी या इस तरह के वाकये जदयू भाजपा के रिश्ते को खराब कर सकते हैं। जदयू के साथ भाजपा की एनडीए सरकार बिहार में मजबूत है और इसे लेकर राजनीतिक कयासबाजी चलती रहती है।
जदयू के प्रदेश अध्यक्ष ने लिखा था लेटर
बता दें कि मणिपुर में 2022 के विधानसभा चुनाव में जेडीयू ने छह सीटें जीतीं, लेकिन चुनाव के कुछ महीनों बाद, पार्टी के पांच विधायक भाजपा में चले गए थे, जिससे सत्तारूढ़ दल की संख्या मजबूत हो गई। 60 सदस्यीय विधानसभा में फिलहाल बीजेपी के 37 विधायक हैं और जदयू के एकमात्र विधायक। इसे नागा पीपुल्स फ्रंट के पांच विधायकों और तीन निर्दलीय विधायकों का समर्थन प्राप्त है, जिससे इसे आरामदायक बहुमत मिल गया है। मणिपुर की जदयू इकाई के प्रमुख केश बीरेन सिंह ने राज्यपाल अजय कुमार भल्ला को पत्र लिखा था।