ऋतिक रोशन स्टारर ‘कोई मिल गया’ 2003 में सिनेमाघरों में रिलीज हुई थी। फिल्म को रिलीज हुए 21 साल से ज्यादा का समय हो गया है, लेकिन अब भी फिल्म का एक सबसे अहम किरदार ‘जादू’ अक्सर चर्चा में रहता है। क्या आप जानते हैं जादू के गेटअप के पीछे कौन छिपा था?
ऋतिक रोशन, प्रीति जिंटा और रेखा स्टारर ब्लॉकबस्टर ‘कोई मिल गया’ को रिलीज हुए 21 साल से ज्यादा का समय हो गया है, लेकिन अब तक इसका एक किरदार अक्सर सोशल मीडिया पर छाया रहता है। हम बात कर रहे हैं ‘कोई मिल गया’ के एलियन और रोहित (ऋतिक रोशन) के दोस्त ‘जादू’ की, वही जादू जो रोहित की जिंदगी बदल देता है। कोई मिल गया के इस किरदार को आज भी खूब पसंद किया जाता है। लेकिन, क्या आप जानते हैं जादू की कॉस्ट्यूम के पीछे कौन छिपा था? नहीं तो चलिए आपको मिलवाते हैं कोई मिल गया के जादू से।
जादू की कॉस्ट्यूम के पीछे था ये एक्टर
कोई मिल गया में एलियन जादू की कॉस्ट्यूम के पीछे अभिनेता इंद्रवदन जे पुरोहित थे। उनकी लंबाई महज तीन फुट थी और जादू के रोल में उन्हें कास्ट करने की वजह भी यही थी। जी हां, इंद्रवदन पुरोहित को उनकी कम हाइट के चलते ही इस सुपरहिट किरदार और फिल्म के लिए चुना गया था। कोई मिल गया के अलावा इंद्रवदन पुरोहित ने और भी कई शानदार फिल्मों और टीवी सीरियल्स में काम किया।
तारक मेहता का उल्टा चश्मा में भी किया काम
इंद्रवर्धन पुरोहित पॉपुलर सिटकॉम तारक मेहता का उल्टा चश्मा में भी नजर आए थे। उन्होंने इस शो में दयाबेन यानी दिशा वकानी के रिश्तेदार की भूमिका निभाई थी, जो सुंदर की भक्त मंडली के साथ आए थे। इंद्रवदन पुरोहित नए अपने पूरे करियर में 250 से ज्यादा फिल्मों में काम किया। बॉलीवुड या भारतीय फिल्मों में ही नहीं, उन्होंने 2001 में आई हॉलीवुड फिल्म ‘द लॉर्ड ऑफ द रिंग्स- द फेलोशिप ऑफ द रिंग’ में भी काम किया था। साल 2014 में उन्होंने इस दुनिया को अलविदा कह दिया।
मराठी-गुजराती फिल्मों में भी किया काम
हिंदी के अलावा इंद्रवदन ने मराठी और गुजराती फिल्मों में भी काम किया। आखिरी बार वह टीवी शो ‘बालवीर’ में नजर आए थे। इस शो में उन्होंने डूबा-डूबा का किरदार निभाया था। जादू का किरदार निभाने में इंद्रवदन पुरोहित को काफी मशक्कत करनी पड़ती थी। दरअसल, इस कॉस्ट्यूम में फिट होने के लिए उन्हें पहले तो अपना वजन कम करना पड़ा और फिर इस कॉस्ट्यूम के भारी और मोटा होने के चलते इसके अंदर सांस लेने में भी उन्हें काफी मुश्किल होती थी।